Control Chart Kya Hota Hai या What is Control Chart in Hindi? या कंट्रोल चार्ट क्या होता है और इसे कैसे बनाएं?
Control Chart का मुख्य कार्य किसी भी प्रोसेस की Stability (स्थिरता) को चेक करना होता है। कंट्रोल चार्ट मे हम चेक करते है की किसी प्रोसेस मे Interval of Time (समय अंतराल) मे कितना Variation (अंतर) आता है। कंट्रोल चार्ट दिखाते है की किसी प्रोसेस मे वेरीऐशन किस प्रकार आ रहे है। और जोई वेरीऐशन आ रहे है उनके पीछे किस प्रकार के कारण (Couse) हो सकते है और उन कारणों को पता लगाने मे कंट्रोल चार्ट हेल्प करते है।
What is Control Chart in Hindi? (कंट्रोल चार्ट क्या होते है?)

किसी भी कंट्रोल चार्ट के निम्न मुख्य भाग होते है:-
- ULC और LCL:-किसी भी कंट्रोल चार्ट मे UCL (Upper Control Limit) और LCL (Lower Control Limit) होती है। Upper Control Limit +3σ तक होती है इससे ऊपर किसी भी प्रोसेस का वेरीऐशन नहीं जाना चाहिए। Lower Control Limit -3σ तक होती है इससे नीचे किसी भी प्रोसेस का वेरीऐशन नहीं जाना चाहिए।
- X-बार:- किसी भी प्रोसेस के एवरेज को दिखाता है।
- No Action Zone:- कंट्रोल चार्ट मे किसी प्रोसेस का नो एक्सन जॉन +1σ से -1σ के बीच होता है जब प्रोसेस का डाटा वेरीऐशन इस जॉन मे हो तो कोई एक्सन लेने की जरूरत नहीं है।
- Warning Zone:- Control Chart मे किसी प्रोसेस का वार्निंग ज़ोन +2σ से -2σ के बीच होता है तब प्रोसेस का डाटा वेरीऐशन इस ज़ोन मे हो तो आपको सावधान हो जाना चाहिए की प्रोसेस मे कुछ अनवांटेड हो सकता है।
- Action Zone:-कंट्रोल चार्ट में किसी प्रोसेस का एक्शन जॉन +3σ और -3σ के बीच होता है जब किसी प्रोसेस डाटा वेरिएशन इस जॉन मे हो तो एक्सन लेने की जरूरत है।
- अगर किसी प्रोसेस का डाटा वेरिएशन UCLआर LCL से ऊपर चले जाते हैं तो आपको तुरंत एक्शन लेने की जरूरत है।
Types of Control Charts in Hindi? (कंट्रोल चार्ट्स कितने प्रकार के होते है?)
कंट्रोल चार्ट दो प्रकार के होते है:-
1. For Variable (ये चार्ट्स भी दो प्रकार के होते है।)
i. Mean Chart
ii. Range Chart
2. For Attributes (ये चार्ट्स भी दो प्रकार के होते है।)
i. P-Chart
ii. C-Chart
What are Control Charts For Variable in Hindi? (For Variable कंट्रोल चार्ट्स क्या होते है?)
ऐसा डाटा जिसे माप सकते है जैसे लंबाई, चोंडाई, मोटाई, भार। इस प्रकार के डाटा के लिए For Variable Control Chart की जरूरत होती है।
What is Mean Chart in Hindi? (Mean Chart क्या होते है?)
Mean Chart से डाटा की Accuracy बनाए रखने में सहायता करता है जहां इसका मतलब है की किसी कस्टमर ने प्रोडक्ट की लंबाई की टारगेट वैल्यू दिया है तो टारगेट वैल्यू के कितना क्लोज है इसे मेंटेन करने में सहायता करता है क्योंकि प्रोसेस मे वेरिएशन होता ही है।
What is Range Chart in Hindi? (Range Chart क्या होते है?)
रेंज चार्ट किसी प्रोसेस के डाटा का (Precision) शुद्धता मेंटेन करने में सहायता करता है जब कोई प्रोडक्ट बनाया जाता है तो सभी पार्ट्स की मेजरमेंट अलग-अलग आती है और प्रोसेस में वेरीऐशन होने के कारण कोई पार्ट टारगेट वैल्यू के पास होगा और कोई पार्ट्स टारगेटवैल्यू के दूर होगा।
माना की कोई प्रोडक्ट बनाया जा रहा है और उस प्रोडक्ट की टारगेट Length 4.5 दी गई है और पार्ट 4.3, 4.4, 4.6 और 4.8 पर तैयार हो रहा है यह वैल्यू प्रोसेस में वेरिएशन होने के कारण आई है यह टारगेट वैल्यू के जितना पास होगी प्रोडक्ट उतना अच्छा तैयार होगा। और precise होगा Range Chart प्रोसेस को Precise बनाए रखने में सहायता करता है।
Mean Chart vs Range Chart in Hindi?
Mean Chart | Range Chart |
Mean Chart डाटा की शुद्धता (Accuracy) को मैन्टेन करने मे हेल्प करता है। | Range Chart किसी प्रोसेस के डाटा Precision को मैन्टेन करने मे हेल्प करता है। |
What are Control Chart For Attributes in Hindi? (For Attributes कंट्रोल चार्ट क्या होते है?)
प्रोडक्ट तैयार होने के बाद उसे देखकर यह तय करना की वह प्रोडक्ट (Ok, Not ok), (Go, NoGo), (Good, Bad) है। इस प्रकार के डाटा को Attribute डाटा कहते हैं और इस प्रकार के डाटा को मेंटेन करने के लिए Attribute चार्ट का प्रयोग किया जाता है।
What is P-Chart in Hindi? (P-Chart क्या होते है?)
P-Chart का प्रयोग Proportion Defective के लिये प्रयोग किया जाता है। माना आपने किसी तैयार प्रोडक्ट के बेच को चेक किया और उस बेच मे जितना डिफेक्ट निकाला उस प्रतिशत को proportion defect कहते है।
माना किसी बेच मे 100 पार्ट्स को चेक किया और उसमे 10 डिफेक्टिव पार्ट्स निकले तो Proportion Defect का प्रतिशत 10% होगा इस प्रकार के डिफेक्ट को मैन्टेन करने के लिए P-Charts का प्रयोग किया जाता है।
What is C-Chart in Hindi? (C-Charts क्या होते है?)
C-Chart का प्रयोग डिफेक्ट काउन्ट के लिए किया जाता है इसका मतलब की आप किसी एक डिफेक्ट को किसी एक वेच मे काउन्ट करना चाहते है।
P-Chart vs C-Chart in Hindi?
P-Chart | C-Chart |
किसी बेच मे डिफेक्ट की टोटल प्रतिशत को काउन्ट करने के लिए किया जाता है जिसे Proportion Defect कहा जाता है। | C-Chart का प्रयोग किसी एक डिफेक्ट को काउन्ट करने के लिए किया जाता है। |
For Variable Control Chart vs For Attributes Control Chart in Hindi?
For Variable | For Attributes |
ऐसा डाटा जिसे मापा जा सकता है। जैसे लंबाई,मोटाई,भार। | (Ok, Not ok), (Go, NoGo), (Good, Bad) है। इस प्रकार के डाटा को Attribute डाटा कहते हैं और इस प्रकार के डाटा को मेंटेन करने के लिए Attribute चार्ट का प्रयोग किया जाता है। |
Advantage of Control Charts in Hindi? (कंट्रोल चार्ट के लाभ)
- इसकी सहायता से प्रोसेस को कंट्रोल किया जा सकता है ।
- इसकी सहायता से प्रोडक्ट की Quality-Level को Ensure किया जा सकता है।
- कंट्रोल चार्ट की सहायता से हम प्रोसेस में विभिन्न प्रकार के वेरिएशन को समझने में मदद करता है।
How to Create Control Chart in Excel? (MS Excel मे कंट्रोल चार्ट कैसे बनाए?)
1. आपको सर्च बार मे MS Excel लिखकर MS Excel को ओपन करें और एक न्यू फाइल ओपन करें।

2. अब चेक शीट से डाटा को इस प्रकार के फॉर्मैट मे Excel Sheet मे भर लें।

3. अब X1,X2,X3,X4 और X5 का AVERAGE निकालेंगे। इसके लिए चित्र के अनुसार =AVERAGE लिखकर X1,X2,X3,X4 और X5 को सिलेक्ट करें और इंटर दबाएं और सभी के लिए यह फार्मूला लगाएं।

4. अब X1,X2,X3,X4 और X5 की Range निकालेंगे इसके लिए चित्र के अनुसार =Max()-MIN() लिखे और ब्राकेट मे X1,X2,X3,X4 और X5 को सिलेक्ट कर लें और इंटर दबाएं और इसी प्रकार सभी के लिए यह फॉर्मूला लगाएं।

5. अब कंट्रोल चार्ट के Standard Daviation निकालेंगे इसके लिए चित्र के अनुसार =STDEV() लिखकर AVERAGE(X-Bar) के पूरे कॉलम को सिलेक्ट करें और इंटर दबाएं।

6. अब हम X-DBar निकलेंगे इससे पहले हम जान लेते है की X-DBar क्या होता है यह कंट्रोल चार्ट की सेंटर लाइन होती है X-DBar लिकालने के लिए आपको X-DBar मे =AVERAGE() फॉर्मूला लगाकर Avg (X-Bar) कॉलम को नीचे से ऊपर चित्र के अनुसार 21-1 तक सिलेक्ट करें और इंटर दबाएं।

7. X-DBar की वैल्यू पूरे चार्ट के लिए एक जैसी (Constant) रहेगी इसके लिए फार्मूला बार में चित्र के अनुसार माउस के कर्जा को ले जाएं और फार्मूला को फ्रीज कर दें फार्मूला को फ्रीज करने के लिए Windows Logo+F4 या F4 दबाएं जिससे फार्मूला फ्रीज हो जाएगा और एंटर दबाएं और पूरे कॉलम में यह एक जैसी वैल्यू कर दें।

8. अब आप को कंट्रोल चार्ट की UCL और LCL निकालने होंगे इसके लिए चित्र के अनुसार UCL के लिए =X-DBar+3×Standard Deviation और LCLके लिए =X-DBar-3×Standard Deviation इसी फॉर्मूले को लगाकर निकाल सकते है। UCL और LCL पूरे चार्ट के लिए Constant रहेगी तो Windows Logo+F4 या F4 दबाएं जिससे फार्मूला फ्रीज हो जाएगा और एंटर दबाएं।

9. अब चित्र के अनुसार Avg. (X-Bar), Range, X-DBar, UCL और LCL को सिलेक्ट करे और Insert मे जाएं।

10. अब Insert मे जाकर Line Chart मे पहला 2-D चार्ट सिलेक्ट करें।

11. अब Format Plot area सिलेक्ट करें।

12. अब चित्र के अनुसार Vertical Axis Major Gradients सिलेक्ट करें और No Line कर दे।

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