Kaizen एक जापानी शब्द (改善) है जिसका मतलब Kai (改)+Zen (善) Change for Better (अच्छे के लिए बदलाव) होता है। ऐसा कोई बदलाव जिससे कुछ अच्छा हो सकता है उसे काइज़ेन कहा जाता है। यह एक Continuous Improvement Process (लगातार सुधार प्रक्रिया) होती है। ऐसा कोई भी बदलाव जिससे कुछ अच्छा होता है उसे काइज़ेन कहा जाता है। और वह बदलाब छोटे, बड़े हो सकते है। Masaaki Imai को फादर ऑफ काइज़ेन कहा जाता है।

Definition of Kaizen in Hindi? (काइज़ेन की परिभाषा क्या होती है?)
काइज़ेन छोटे-छोटे बदलाव होते है जिससे Productivity (उत्पादन) बढ़ती है और Waste मे कमी आती है।
ऐसा कोई बदलाव जिससे कुछ अच्छा हो सकता है उसे काइज़ेन कहा जाता है। यह एक Continuous Improvement Process (लगातार सुधार प्रक्रिया) होती है। अगर हम काइज़ेन को साधारण बोली मे समझे तो इसे एक तरह से “जुगाड़” भी कहा जा सकता है लेकिन Industrial Terms मे यह अलग तरह से काम करती है। हम काइज़ेन किसी स्थान पर कर सकते है।
How Many Types of Kaizen in Hindi? (काइज़ेन कितने प्रकार के होते है?)
- Yutori Kaizen:-जिसमे सीधे ही Man को आराम मिलता है उसे यूटोरी काइज़ेन कहा जाता है।
- Karakuri Kaizen:-ऐसा कोई काइज़ेन जिसमे हम किसी भी प्रकार की बाहरी ऊर्जा का प्रयोग नहीं कैट है तो ऐसे काइज़ेन को करकुरी काइज़ेन कहा जाता है।
What are Examples of Kaizen in Hindi? (काइज़ेन के उदाहरण क्या है?)
आपको काइज़ेन के बहुत उदाहरण अपने जीवन मे मिल जाएंगे, काइज़ेन का मतलब ऐसा सुधार है जिससे कुछ अच्छा होता है जो की हम अपने जीवन हर रोज करते है जिसे हम जुगाड़ कहते है। किसी भी प्रकार की समस्या आने पर उस समस्या को सुलझाने मे लग जाते है। अगर किसी समस्या के सुधार का कुछ अच्छा परिणाम निकले वह ही काइज़ेन का उदाहरण है।
किसी संस्था या फैक्ट्री मे 95% Activity Waste होती है केवल 05% Activity ही फैक्ट्री को वैल्यू देती है। मतलब की Activity दो प्रकार की होती है:-
1.Value Added Activity (VAA)
2.Non Value Added Activity (NVAA)
i.Necessary Non Value Activity (NNVA) (Type 1)
ii.Pure Waste (Type 2)
Type 1 ऐक्टिविटी NNVA से किसी संस्था को किसी भी प्रकार की वैल्यू तो नहीं मिलती है परन्तु यह करना बहुत जरूरी होती है जैसे प्लांट मे Finished Goods का Inspection करने से कोई वैल्यू नहीं मिलती है लेकिन यह करना जरूरी भी होता है यह करनी से हमे डाटा मिलेगा और हम analysis कर पाएंगे और Improvement कर पाएंगे। लेकिन Type 2 पूरा Waste होता है।
अगर आपकी कोई कंपनी है जिसमे 95% ऐक्टिविटी Waste है और जिनके बारे मे आपको पता नही होता है इस प्रकार की ऐक्टिविटी Type 2 पूरी तरह Waste मानी जाती है।
प्लांट के टाइम का Schedule सही नहीं होना, House Keeping का सही नहीं होना, अधिक ब्रेक-डाउन होना, सेटअप टाइम ज्यादा होना। इस प्रकार की कई ऐक्टिविटी होती होती जो Hidden होती है।
How Many Types of Waste? (Waste कितने प्रकार के होते है?)
- Transportation
- Inventory
- Motion
- Waiting
- Over Production
- Over Processing
- Defects

यह सात प्रकार के Waste किसी प्लांट या संस्था मे होते है और (TIMWOOD) की हेल्प से याद कर सकते है और जिन्हे Eliminate (खत्म) करना बहुत जरूरी होता है।
Transportation:-किसी भी प्लांट मे अगर मेटेरियल का, फाइल का, मूवमेंट हो रहा है और उससे कोई वैल्यू नहीं मिल रही है तो वह Waste ही है और Unnecessary Transportation को रोकना चाहिए।
Inventory:-किसी तरह का Inventory चाहे वह Finished Goods, Raw Meterial, Working Progress, Comsumable Inventory सभी प्रकार की Invetory Waste होती है। Inventory से कंपनी मे स्थान घिरा रहता है, कंपनी का कैपिटल इन्वेस्ट रहता है, मेटेरियल डैमिज हो साता है इसलिए कम से कम Inventory करनी चाहिए।
Motion:-किसी तरह का मोशन चाहे वह मेटेरियल के मूवमेंट के लिए हो, पेपर वर्क के लिए हो, कंप्यूटर मे एक्स्ट्रा क्लिक करना, हर तरह का मोशन Waste होता है। जिससे Cycle Time बढ़ जाता है और कोस्ट भी बढ़ जाती है। इसलिए हमे मोशन को कम करना चाहिए।
Waiting:-किसी तरह की सिस्टम की वैटिंग Waste ही होता है जैसे रॉ-मेटेरियल नहीं है और मशीन wait कर रही है, बिजली जाने पर मशीन रुक जाना, स्लो इंटरनेट, स्लो कंप्यूटर यह सभी प्रकार के Waste होता है।
Over Production:-ओवर प्रोडक्सन को Waste माना जाता है क्योंकि ओवर प्रोडक्सन से Inventory बढ़ जाएगी, मेटेरियल डैमिज हो सकता है, स्थान घेरेगा, रख-रखाव का ध्यान रखना पड़ेगा। इसलिए ओवर प्रोडक्सन को नहीं करना चाहिए।
Over Processing:-ओवर प्रोसेसिंग को भी Waste माना जाता है, अगर आपने एक बार Inspection कर लिया और दूसरी बार Inspection कर रहे है तो Waste है जिससे Defect जेनरैट होने की संभावना बढ़ जाती है।
Defects:-किसी तरह का रीजेक्शन या रीवर्क हो रहा हो तो वह भी Waste होता है। इसके कई कारण हो सकते है जैसे Man, Meterial, Method, Machine, Mother, Measurement. डिफेक्ट के कारण कोस्ट बढ़ जाता है, Costomer संतुष्ट नहीं होता है।
People Wate:-1.Over Processing, 2.Motion, 3.Waiting
Quantity Waste:-1.Transportation, 2.Over Production, 3.Inventory
Quality Waste:-1.Defects
Golden Rules of Kaizen in Hindi? (काइज़ेन करने के सुनहरे नियम क्या होते है?)
- हमे डाटा के ऊपर निर्णय लेना चाहिए किसी के बोलने पर नहीं।
- ज्यादा धन का खर्च नहीं करते हुए, दिमाग का प्रयोग करना चाहिए और अच्छे Idea लाने चाहिए।
- स्मार्ट वर्क करते हुए नए-नए Idea लाने चाहिए।
- अगर कोई Failier आता है तो तुरंत सही करें और देर नहीं करनी चाहिए।
- भूतकाल (Past) को नहीं देखना चाहिए की यह पहले नहीं कर सकते थे तो आज भी नहीं कर सकते है।
- सकारात्मक सोचना चाहिए, ये नहीं सोचना चाहिए यह नहीं हो सकता, यह सोचना चाहिए की हो सकता है।
- Root Cause को पहचान करना चाहिए।
Areas of Kaizen in Hindi? (काइज़ेन करने के कौन-कौन से क्षेत्र है?)
- Improvement in Productivity (उत्पादन मे सुधार करना)
- Improvement in Safety (सुरक्षा मे सुधार )
- Improvement in Quality (गुणवत्ता मे सुधार )
- Improvement in Process (प्रोसेस मे सुधार करना)
- Improvement in Waste (Waste मे सुधार)
- Improvement in Energy Saving (ऊर्जा बचत मे सुधार)
- Improvement in 5′ S (5 S’ मे सुधार)
- Improvement in Waiting (Waiting मे सुधार करना)
- Improvement in Transportation (Transportation मे सुधार करना)
- Improvement in Defect Control (डिफेक्ट कंट्रोल मे सुधार करना)
- Improvement in Fatigue (कर्मचारी की थकान कम करने मे सुधार)
ऊपर दिए गए काइज़ेन के अतिरिक्त बहुत ऐसे क्षेत्र है जहाँ आप काइज़ेन कर सकते है काइज़ेन किसी भी स्थान पर किया जा सकता है।
Benefits of Kaizen in Hindi? (काइज़ेन करने के क्या-क्या लाभ होते है?)
- उत्पादन बढ़ती है
- सुरक्षा बढ़ती है
- डिफेक्ट मे सुधार होता है
- Quality मे सुधार होता है
- प्रोसेस मे सुधार होता है
- कर्मचारी का मनोबल बढ़ता है
- उत्पादन कोस्ट कम हो जाती है
- Costomer की संतुष्टि बढ़ जाती है
- सिस्टम मे सुधार होता है
- Waste मे कमी आती है
How to do Kaizen in Hindi? (काइज़ेन कैसे करें?)
- ऐसे समस्याओ को कम करे जो ऑपरेटर के समय को खराब कर रहा है।
- नए-नए विचारों को स्थान दें और उनमे सुधार करते रहे।
- प्रोडक्ट मे गुणवत्ता मे सुधार हेतु कार्य करें।
- हमेशा सिस्टम और उत्पादन की कार्य करने के तरीकों मे सुधार करे।
- ग्राहकों की माग के अनुसार सुधार करें।
- ऑपरेटरस को नई-नई ट्रैनिंग दें।
- Waste को जितना हो सकता हो उतना कम करना चाहिए।
- ज़ीरो डिफेक्ट करने की कोशिश करनी चाहिए।
- काइज़ेन लगातार सुधार प्रक्रिया है तो हमेशा सुधार करना चाहिए।
- ग्राहक की संतुष्टि होनी चाहिए ऐसा काइज़ेन करने की कोशिश करे।
Why we do Kaizen in Hindi? (हमे काइज़ेन क्यों करना चाहिए?)
- काइज़ेन करने से कंपनी मे Waste कम होता है।
- काइज़ेन करने से उत्पादन बढ़ता है।
- काइज़ेन करने से ऊर्जा की बचत होती है।
- काइज़ेन करने से ग्राहक की डिमैन्ड के अनुसार प्रोडक्ट बनाता है जिससे वह संतुष्ट होता है।
- काइज़ेन करने से समस्याए कम होती है और कर्मचारीयों का मनोबल बढ़ता है।
How we do Kaizen in Hindi? (हम काइज़ेन कैसे कर सकते है?)
- Improvement in Productivity (उत्पादन मे सुधार करना)
- Improvement in Safety (सुरक्षा मे सुधार )
- Improvement in Quality (गुणवत्ता मे सुधार )
- Improvement in Process (प्रोसेस मे सुधार करना)
- Improvement in Waste (Waste मे सुधार)
- Improvement in Energy Saving (ऊर्जा बचत मे सुधार)
- Improvement in 5′ S (5 S’ मे सुधार)
- Improvement in Waiting (Waiting मे सुधार करना)
- Improvement in Transportation (Transportation मे सुधार करना)
- Improvement in Defect Control (डिफेक्ट कंट्रोल मे सुधार करना)
- Improvement in Fatigue (कर्मचारी की थकान कम करने मे सुधार)
What are the 5 elements of kaizen in Hindi? (काइज़ेन के पाँच तत्व के है?)
- टीम वर्क
- सेल्फ डिसप्लिन (स्वयं पर नियंत्रण)
- हमेशा सुधार करने की चाहत
- गुणवत्ता का केंद्र
- सुधार के लिए सुझाव
Difference between Kaizen and Poka Yoke?
काइज़ेन | पोका योके |
काइज़ेन एक जापानी शब्द है जिसका मतलब “अच्छे के लिए सुधार” होता है। इस प्रक्रिया मे हम डेली की आने वाली समस्याओ को हल करने के उपाय करते है जिन्हे काइज़ेन कहा जाता है। | एक पोका-योक एक प्रक्रिया में कोई भी तंत्र है जो एक उपकरण ऑपरेटर को मानवीय त्रुटियों को रोकने, सुधारने या ध्यान आकर्षित करके गलतियों या दोषों से बचने में मदद करता है। |
Kaizen PDF Download in Hindi?
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