Pareto चार्ट क्या है और इसे कैसे बनाये? (What is Pareto Chart in Hindi?), Pareto Chart किसी समस्या को Analyze करने के बाद Prioritize ( प्राथमिक) करने मे मदद करता है। और सबसे जरूरी समस्या (VITAL few) पर अधिक ध्यान (focas) दिया जाता है फिर कम जरूरी समस्या (Trivial Many) पर ध्यान दिया जाता है। पेरेटो चार्ट एक Prioritisation Tool (प्राथमिकता देने वाला) है।

पेरेटो चार्ट की सहायता से सबसे जरूरी समस्या को पहले हल किया जाता है उसके बाद कम जरूरी समस्या को हल किया जाता है क्योंकि सभी समस्याओ को एक साथ समाप्त नही किया जा सकता है।
Pareto चार्ट एक सिम्पल चार्ट या डाइग्राम होता है जिसमे दो अक्ष होते है x- Axis और दूसरा y- ऐक्सिस होता है और जिसमे हम प्रॉब्लेम्स को घटते (ज्यादा से कम) क्रम मे लिखते है।
यह 80/20 Rule (नियम) पर कार्य करता है अर्थात 80% Problem (समस्या) 20% Causes (दोष) की वजह से आती है।
परेटो चार्ट की सहायता से हम सबसे जरूरी प्रॉब्लेम्स (Vital few) पर पहले कार्य करते है फिर काम जरूरी (Trivial many) प्रॉब्लेम्स पर कार्य करते है।
What is the 80/20 Rule of Pareto Charts? (परेटो चार्ट का 80/20 रूल क्या होता है?)
यह 80/20 Rule (नियम) पर कार्य करता है अर्थात 80% Problem (समस्या) 20% Causes (दोष) की वजह से आती है।
इस नियम के अनुसार 80% समस्या की वजह सिर्फ 20% कारण होते है।
इस नियम के अनुसार किसी प्रोडक्ट मे 80% डिफेक्टस आने की वजह सिर्फ 20% Cause (कारण) होते है। अगर हम 20% Causes (कारणों) को खत्म कर दें तो 80% डिफेक्ट भी समाप्त हो जाएंगे।
80-20 Principle का जनक 1848-1923 ईस्वी मे इटली के एकोनॉमिक्स विलफरेडों परेटो थे। इन्होंने देखा की इटली की 80% धन-संपत्ति, वहाँ के 20% धनी लोगों के पास है।
डॉ. जोसेफ जूरन ने सबसे बताया की परेटो और अन्य सभी ने जो कुछ देखा वह एक सार्वभौमिक नियम है जी की विभिन्न प्रकार की परिस्थतियों मे लागू किया जा सकता है।
How to Make Pareto Chart in Excel? (MS Excel मे परेटो चार्ट कैसे बनाये?)
परेटो चार्ट बनाने के लिए हम पहले डाटा को लेते है। जो की हमने चेक शीट मे कॉलेक्ट किया है।
1. सबसे पहले अपने कंप्यूटर या लैपटॉप की विंडो के निशान वाली बटन दबाए और ms excel लिखे और ms excel को खोलें।

2. Ms excel को ओपन करने के बाद उसमे न्यू इक्सेल शीट खोलें।

3. MS Excel की खाली इक्सेल शीट मे चेक शीट से डाटा को भरना है।

4. चेक शीट से डाटा भरने के बाद परेटो चार्ट बनाने के लिए commulative value और commulative Percentage निकालते है।

5. MS Excel मे चेक शीट से डाटा भरने के बाद और Commulative वैल्यू, Commulative प्रतिशत निकालने के बाद, (Insert>Charts) Insert मे Charts के सेक्सन मे जाकर 2-D column का पहला चार्ट सिलेक्ट करें।

6. ओपन किए गए 2-D Column चार्ट के ऊपर कंप्यूटर के माउस को ले जाकर राइट क्लिक करे और Select Data पर क्लिक करें।

7. Select Data पर क्लिक करने के बाद चेक शीट से भरे गए डाटा मे से Defects और Frequency को सिलेक्ट करेंगे।

8. Defects और Frequency को सिलेक्ट करने के बाद ‘Chart data range’ मे “,” कोमा लगाएं और Commulative % को सिलेक्ट करें।

9. अब Commulative % के बार को चित्र के अनुसार सिलेक्ट करें और माउस से राइट क्लिक करें और ‘Change series Chart Type’ पर क्लिक करें।

10. अब ‘Change Chart Type’ मे cumulative % मे Line with markers को सिलेक्ट करें।

11. अब commulative % को सिलेक्ट करके माउस से राइट क्लिक करे और Add Data Labels पर क्लिक करें।

12. अब Insert मे जाकर Shapes मे Rectangle शेप सिलेक्ट करें। यहाँ हमारा परेटो चार्ट पूरा हुआ।

13. अब यहाँ पर हम Vital Few को हाइलाइट करेंगे, इसके लिए चित्र के अनुसार करें।

14. यहाँ पर Shapes मे No Fill करें।

15. Vital Few को हाइलाइट करने के बाद परेटो चार्ट पूरा हुआ।

What is a Pareto chart used for? (परेटो चार्ट क्यों प्रयोग किया जाता है?)
परेटो चार्ट का प्रयोग किसी प्रोसेस मे आ रही सबसे ज्यादा होने वाली समस्याओ, दोषों या अन्य कारणों को (Vital Few) को पता करने के लिए किया जाता है। जिससे हमे समस्याओ को वर्गीकरण करने मे आसानी होती है।
Histogram vs Pareto Chart
Histogram | Pareto Chart |
1. Histogram बार-ग्राफ मे बनाया जाता है। | 1. Pareto Chart भी बार-ग्राफ होता है लेकिन इसमे commulative % भी साथ चलती है। |
2. किसी प्रोसेस मे variation को नापने के लिए प्रयोग किया जाता है। | 2. किसी प्रोसेस मे आ रहे दोषों और समस्याओ मे, सबसे अधिक आ रहे दोषों और समस्याओ को पता कने के लिए प्रयोग किया जाता है। |
3. किसी प्रोसेस मे variation को visualize किया जा सकता है। | 3. परेटो चार्ट मे 80-20 नियम का पालन किया जाता है। |
Advantage of Pareto Chart in Hindi? (परेटो चार्ट के लाभ)
1. किसी समस्या को आसानी से Prioritize किया जा सकता है। 9
2. समस्या के Symptoms (लक्षण) को पता लगाने के लिए किया जाता है।
3. समस्या की Effectiveness (असर) को भी पता लगाने मे मदद करता है।