Scatter Diagram in Hindi | 7 QC Tools | PDF
Scatter Diagram in Hindi | 7 QC Tools | PDF:-Scatter Graph in Hindi या Scatter Chart in Hindi या Scatter Plot in Hindi या
What is Scatter Diagram in Hindi वह आरेख होता है जिसमे ग्राफिक्स की सहायता से स्टडी की जाती है। इसमे कोई नंबर नहीं मिलता है इसमे (Scatter) फैले हुए बिन्दुओ की सहायता से डाइग्राम बनाया जाता है। स्कैटर चार्ट की इनपुट/आउट्पुट चार्ट या X,Y चार्ट भी कहा जाता है।
What is Scatter Diagram in Hindi? (स्कैटर चार्ट क्या होता है?)
Scatter Chart का प्रयोग दो चरो (Variable) के बीच संबंध (Relation) का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह एक ग्राफिकल टूल है जिसमे Indepandant और Depandant चर होते है। और स्कैटर डाइग्राम मे फैले हुए बिन्दुओ की सहायता से दोनों चरों के मध्य सह-संबंध (Correlation) का पता लगाया जाता है।

स्कैटर डायग्राम किसी व्यक्ति की आमदनी और उसके खर्चों के बीच संबंध को बताता है कि किस तरह आमदनी बढ़ने के साथ खर्चे बढ़ रहे हैं मतलब कि किसी व्यक्ति के खर्चे उसकी आमदनी पर निर्भर हैं तो यहां पर Independent चर इनकम या आमदनी हुई और Dependent चर खर्चे हुए।
यह स्कैटर डायग्राम पॉजिटिव से सह-संबंध को दिखा रहा है क्योंकि आमदनी ज्यादा होने पर खर्चे भी बढ़ रहे हैं।
यह भी पढ़ें
What is Control Chart in Hindi?
Types of Variable in Scatter Diagram in Hindi? (स्कैटर डाइग्राम मे चरों के प्रकार)
- Independent Variable:-इसे X-Axis से दिखाया जाता है और जैसे की नाम से पता चलता है यह दूसरे चर पर निर्भर नहीं करता है।
- Dependent Variable:-इसे Y-Axis से दिखाया जात है और यह Independent Variable पर निर्भर करता है।
Types of Correlation in Scatter Diagram in Hindi? (Correlation कितने प्रकार के होते है?)
- Perfect Positive Correlation
- Perfect Negative Correlation
- High Degree Positive Correlation
- High Degree Negative Correlation
- Zero Correlation
1.Perfect Positive Correlation:-Scatter Diagram मे इस प्रकार के Correlation मे Independent Variable के बढ़ने के साथ Dependant Variable भी बढ़ता है। मतलब की X-Axis के बढ़ने पर Y-Axis भी बढ़ता है। सरल शब्दो मे एक चर के बढ़ने से दसूरा चर भी बढ़ता हो।

2.Perfect Negative Correlation:-Scatter Diagram मे इस प्रकार के Correlation मे Independent Variable के घटने से Dependant Variable भी घट रहा हो या X-Axis के घटने से Y-Axis भी घट रहा हो तो Perfect Negative Correlation होता है।

3.High Degree Positive Correlation:-Scatter Diagram मे इस प्रकार के Correlation मे स्कैटर पॉइंट्स सीधी या डाटा वैल्यू लाइन या सेंटर लाइन के आस-पास होते है। इसका मतलब है की Independent Variable की तुलना मे Dependant Variable नहीं बढ़ रहा है।

4.High Degree Negative Correlation:-Scatter Diagram मे इस प्रकार के Correlation मे स्कैटर पॉइंट्स या डाटा वैल्यू सीधी लाइन या सेंटर लाइन के आस-पास होते है। इसका मतलब है की Independent Variable की तुलना मे Dependant Variable नहीं घटाता है।

5.Zero Correlation:-Scatter Diagram मे इस प्रकार के Correlation मे डाटा वैल्यू पूरे स्कैटर चार्ट मे फैले हो तो इस प्रकार के Correlation को Zero Correlation कहते है।


How to Make Scatter Diagram in MS Excel in Hindi? (MS Excel मे स्कैटर डाइग्राम कैसे बनाये?)
1.Scatter Diagram बनाने लिए सबसे पहले अपने कंप्यूटर मे ms Excel को खोले और न्यू शीट ओपन करे।


2.Scatter Chart दो चरों या Variables के बीच Correlation को दिखाता है तो स्कैटर चार्ट बनाने के लिए दोनों चरो के डाटा को Excel शीट मे लिखेंगे और Insert के सेक्सन मे जाकर चित्र के अनुसार स्कैटर चार्ट सिलेक्ट करेग।


3.स्कैटर चार्ट ओपन करने के बाद चार्ट के सेंटर में राइट क्लिक करें और Select Data पर क्लिक करें और डाटा को सेलेक्ट करें।


4.स्कैटर चार्ट डाटा सिलेक्ट करने के बाद राइट क्लिक करें और Add Trendline सिलेक्ट करें या फिर चित्र में दिखाए गए प्लस (+) के निशान पर क्लिक करें।


5.स्कैटर चार्ट मे Axis Title जोड़े और उनके नाम दे।


6.ͬचित्र मे दिखाया गया Scatter Diagram, High Degree Negative Correlation है।



Advantage of Scatter Diagram in Hindi? (स्कैटर चार्ट के लाभ)
- यह दो चरों के बीच Correlation को दिखता है।
- Correlation को Visualize कर सकते है।
Disadvantage of Scatter Diagram in Hindi? (स्कैटर डाइग्राम के लाभ)
- स्कैटर चार्ट बनाने के लिए डाटा सही मात्रा मे होना चाहिए।
- कम से कम दो चरों का होना अवशयक है।
Scatter Diagram PDF Download in Hindi?
Download Link 1 Download Link 2
यह भी पढ़ें
Fishbone Diagram in Hindi?
Pareto Chart in Hindi?
Control Chart in Hindi?
FAQ
What does a scatter diagram show?
स्कैटर डाइग्राम क्या होता है?
Scatter Chart का प्रयोग दो चरो (Variable) के बीच संबंध (Relation) का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह एक ग्राफिकल टूल है जिसमे Indepandant और Depandant चर होते है। और स्कैटर डाइग्राम मे फैले हुए बिन्दुओ की सहायता से दोनों चरों के मध्य सह-संबंध (Correlation) का पता लगाया जाता है।
What is a scatter graph used for?
स्कैटर डाइग्राम किस लिए प्रयोग किया जाता है?
Scatter Chart जिसमे ग्राफिक्स की सहायता से स्टडी की जाती है। इसमे कोई नंबर नहीं मिलता है इसमे (Scatter) फैले हुए बिन्दुओ की सहायता से डाइग्राम बनाया जाता है। स्कैटर चार्ट की इनपुट/आउट्पुट चार्ट या X,Y चार्ट भी कहा जाता है।
Scatter Chart का प्रयोग दो चरो (Variable) के बीच संबंध (Relation) का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह एक ग्राफिकल टूल है जिसमे Indepandant और Depandant चर होते है। और स्कैटर डाइग्राम मे फैले हुए बिन्दुओ की सहायता से दोनों चरों के मध्य सह-संबंध (Correlation) का पता लगाया जाता है।
What are the 5 types of scatter plots?
स्कैटर प्लॉटस कितने प्रकार के होते है?
Perfect Positive Correlation
Perfect Negative Correlation
High Degree Positive Correlation
High Degree Negative Correlation
Zero Correlation
How do you create a scatter graph?
स्कैटर चार्ट किस प्रकार बनाया जाता है?
1.Scatter Diagram बनाने लिए सबसे पहले अपने कंप्यूटर मे ms Excel को खोले और न्यू शीट ओपन करे।
2.Scatter Chart दो चरों या Variables के बीच Correlation को दिखाता है तो स्कैटर चार्ट बनाने के लिए दोनों चरो के डाटा को Excel शीट मे लिखेंगे और Insert के सेक्सन मे जाकर चित्र के अनुसार स्कैटर चार्ट सिलेक्ट करेग।
3.स्कैटर चार्ट ओपन करने के बाद चार्ट के सेंटर में राइट क्लिक करें और Select Data पर क्लिक करें और डाटा को सेलेक्ट करें।
4.स्कैटर चार्ट डाटा सिलेक्ट करने के बाद राइट क्लिक करें और Add Trendline सिलेक्ट करें या फिर चित्र में दिखाए गए प्लस (+) के निशान पर क्लिक करें।
5.स्कैटर चार्ट मे Axis Title जोड़े और उनके नाम दे।
6.ͬचित्र मे दिखाया गया Scatter Diagram, High Degree Negative Correlation है।
How do you read a simple scatter plot?
साधारण स्कैटर चार्ट को किस प्रकार पढ़ा जाता है?
What is Scatter Diagram in Hindi वह आरेख होता है जिसमे ग्राफिक्स की सहायता से स्टडी की जाती है। इसमे कोई नंबर नहीं मिलता है इसमे (Scatter) फैले हुए बिन्दुओ की सहायता से डाइग्राम बनाया जाता है। स्कैटर चार्ट की इनपुट/आउट्पुट चार्ट या X,Y चार्ट भी कहा जाता है।
What are the 5 types of correlation?
स्कैटर चार्ट मे Correlation कितने प्रकार के होते है?
Perfect Positive Correlation
Perfect Negative Correlation
High Degree Positive Correlation
High Degree Negative Correlation
Zero Correlation
What is a perfect negative correlation?
Perfect Negative Correlation क्या होता है?
Perfect Negative Correlation:-Scatter Diagram मे इस प्रकार के Correlation मे Independent Variable के घटने से Dependant Variable भी घट रहा हो या X-Axis के घटने से Y-Axis भी घट रहा हो तो Perfect Negative Correlation होता है।
What is a perfect positive correlation?
Perfect Positive Correlation क्या होता है?
Scatter Diagram मे इस प्रकार के Correlation मे Independent Variable के बढ़ने के साथ Dependant Variable भी बढ़ता है। मतलब की X-Axis के बढ़ने पर Y-Axis भी बढ़ता है। सरल शब्दो मे एक चर के बढ़ने से दसूरा चर भी बढ़ता हो।
Download Scatter Diagram PDF in Hindi?
स्कैटर डाइग्राम की PDF डाउनलोड करें?
स्कैटर डाइग्राम की पूरी PDF हिन्दी भाषा मे इस लिंक पर जाकर डाउनलोड सेक्सन मे डाउनलोड करें।
Scatter Diagram Maker in Hindi?
1.Scatter Diagram बनाने लिए सबसे पहले अपने कंप्यूटर मे ms Excel को खोले और न्यू शीट ओपन करे।
2.Scatter Chart दो चरों या Variables के बीच Correlation को दिखाता है तो स्कैटर चार्ट बनाने के लिए दोनों चरो के डाटा को Excel शीट मे लिखेंगे और Insert के सेक्सन मे जाकर चित्र के अनुसार स्कैटर चार्ट सिलेक्ट करेग।
3.स्कैटर चार्ट ओपन करने के बाद चार्ट के सेंटर में राइट क्लिक करें और Select Data पर क्लिक करें और डाटा को सेलेक्ट करें।
4.स्कैटर चार्ट डाटा सिलेक्ट करने के बाद राइट क्लिक करें और Add Trendline सिलेक्ट करें या फिर चित्र में दिखाए गए प्लस (+) के निशान पर क्लिक करें।
5.स्कैटर चार्ट मे Axis Title जोड़े और उनके नाम दे।
6.ͬचित्र मे दिखाया गया Scatter Diagram, High Degree Negative Correlation है।